प्रिय, तुम कहाँ हो
तुमने किया था, वादा
सपनो में आने का
तुम, आया करो
मैं तुम्हारे इंतजार में
सपनो में भी जागता हूँ
पूरी रात बीत जाती है
और, तुम हो
कि आती ही नहीं
क्या प्रेम में मिलन
गैर क़ानूनी हैं
असंवैधानिक हैं, सपने
तुम जानती होगी
तुम्हारे देश का शायद
कानून ऐसा हो
छोडो चलो
तो तुम सो जाओ
तुम नहीं आती
मैं ही आता हूँ
आँखें बंद करो
धीरे से मैं ही आता हूँ
तुम्हारे सपनों में
मगर यह क्या तुम तो
सोती ही नहीं, मैं कैसे आऊं
जरा सी आँख बंद करती
मैं आता हूँ
जैसे ही तुम्हारे सपनो में
करता हूँ प्रवेश
तुम उठ जाती हो आंसू गिराते हुए
तुम भर नींद सोया करो
मेरे साथ सपनो में ही सही
दो पल बिताया करो
और, देखो जब सपनो में आता हूँ
अचानक मत उठ जाया करो
और बहा देती हो जो आँखों से आंसू
साथ उनके हमें ना गिराया करो
तुमने किया था, वादा
सपनो में आने का
तुम, आया करो
मैं तुम्हारे इंतजार में
सपनो में भी जागता हूँ
पूरी रात बीत जाती है
और, तुम हो
कि आती ही नहीं
क्या प्रेम में मिलन
गैर क़ानूनी हैं
असंवैधानिक हैं, सपने
तुम जानती होगी
तुम्हारे देश का शायद
कानून ऐसा हो
छोडो चलो
तो तुम सो जाओ
तुम नहीं आती
मैं ही आता हूँ
आँखें बंद करो
धीरे से मैं ही आता हूँ
तुम्हारे सपनों में
मगर यह क्या तुम तो
सोती ही नहीं, मैं कैसे आऊं
जरा सी आँख बंद करती
मैं आता हूँ
जैसे ही तुम्हारे सपनो में
करता हूँ प्रवेश
तुम उठ जाती हो आंसू गिराते हुए
तुम भर नींद सोया करो
मेरे साथ सपनो में ही सही
दो पल बिताया करो
और, देखो जब सपनो में आता हूँ
अचानक मत उठ जाया करो
और बहा देती हो जो आँखों से आंसू
साथ उनके हमें ना गिराया करो
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