शुक्रवार, 3 जून 2011

देख यहाँ इंसान रहते हैं

तेरी अँग्रेजियत
अटकी है टाई में
एटिकेट मेनर
गुड फ़ाइन हाय या बाय में
तेरी उजली कमीज़
चमकदार सूट बूट
तेरी चिंता पेंट की क्रीज़
या जूते की चमक

आ कभी देख ज़रा
मेरे गाँव में
तू पहुँच कहीं भी
तेरा परिचय ना माँगेगे
तेरे पाँव धोएंगे
अपनी सूखी रोटी और छाछ
बाँट कर तुझे दे देंगे
और जैसे ही तेरे गले से
उतरेगी रोटी और छाछ
वह अपना गला तर कर लेंगे

तू समझता है अगर
गाँव में कुछ गँवार रहते हैं
भूल रहा है तू
देख यहाँ इंसान रहते हैं
मैले हों भले ही वस्त्र पर
दिल से साफ रहते हैं
जिनके दम पर नाज़ है
वह किसान गाँव में रहते हैं

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