ओसामा और ओबामा क्या नाम से भाई जैसे नहीं लगते, और क्या ओसामा गब्बर सिंह का अवतार तो नहीं था ,,,जहाँ जाता वहीँ लोग दुबक जाते ,,,,क्या ओसामा मुस्लिम जगत का हीरो नहीं था ,,,और अमेरिका की चालें पूरा विश्व नहीं जानता,,,और आतंकवाद का खतरा सिर्फ अमेरिका को है ,,,या हिन्दुस्तान में होने वाला आतंक ,,,,और मारे जाने वाले कोई कीड़े मकोड़े हैं ,,,जिनकी परवाह अमेरिका को नहीं है,,,सिर्फ दो शब्द ""दुर्भाग्यपूर्ण घटना"" ,,,,या हिंदुस्तान अपने में सक्षम नहीं है आतंकवाद से निपटने के लिए ,,,या यहाँ की राजनीती इतनी बेबस है, कि जानते हुए आतंकियों के ठिकाने कहाँ हैं, क्यों इन्तजार किया जा रहा है, किसी अमेरिकी इशारे का , ,,,,,अमेरिका पाकिस्तान को बताना भी उचित नहीं समझता और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानो पर हमला कर देता है ,,,,,,अमेरिका की चिंता यदि आतंकवाद होती तो सीमान्त पाकिस्तान पर स्थित सभी आतंकी ठिकाने भी नष्ट किये जाते ,,,लेकिन उसे अपनी नाक की मक्खी हटानी थी ,सो हट गई ,,,,सद्दाम हुसैन तो गिरफ्त में था, उसके साथ ऐसा क्यों किया गया ,,,सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत उस पर एकतरफा मुकदमा चलाया गया ,,,और खुद जज द्वारा ही जिरह की गई,,,,,,,,अमेरिका की चालाकी खुद अपने को दूर रखा और जो चाहा वही करवा दिया ,,,,,,सद्दाम हुसैन को अपील के लिए तीस दिन का समय था लेकिन तीसरे दिन फांसी पर टांग दिया ,,,,,,,,,,अमेरिका सिर्फ अपने माने हुए शत्रुओं को आतंकी कहता है ,,,,,,,लेकिन सारे आतंकी उसकी दृष्टि में आतंकी नहीं है, या ओसामा को दुबारा चुनाव लड़ने के लिए एक मुद्दा चाहिए था जो निकट है ,,,,,,,,,हम सोच सकते हैं ,अमेरिका जमीन पर प्रति वर्गमीटर की जानकारी रखने में सक्षम है ,क्या उसे नहीं मालूम था, कि ओसामा कहाँ है,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,यदि वास्तव में अमेरिका चाहता है ,दुनिया में आतंक न हो उसे पाकिस्तान के उन हिस्सों को भी नष्ट कर देना चाहिए जहाँ हिंदुस्तान के खिलाफ आतंक की फैक्ट्रियां उत्पादन में उन आठ और दस साल के बच्चों को भी तैयार कर रही हैं ,,,,ओसामा के जाने से हमें किसी खुशफहमी में रहने की जरुरत नहीं होनी चाहिए ,,,जब तक सीमा पार वह ठिकाने नष्ट नहीं हो जाते ,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,यदि वास्तव में अमेरिका चाहता है ,दुनिया में आतंक न हो उसे पाकिस्तान के उन हिस्सों को भी नष्ट कर देना चाहिए जहाँ हिंदुस्तान के खिलाफ आतंक की फैक्ट्रियां उत्पादन में उन आठ और दस साल के बच्चों को भी तैयार कर रही हैं ,,,,ओसामा के जाने से हमें किसी खुशफहमी में रहने की जरुरत नहीं होनी चाहिए ,,,जब तक सीमा पार वह ठिकाने नष्ट नहीं हो जाते ,,,,,,,,
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