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आकाश तू अब
बड़ा हो जा -
पंख प्रेम के मेरे
फ़ैल गए, आकाश में
हो जायेगा, तू छोटा -
उडान प्रेम की
भर ली है, मैंने
कहता है कौन
'फ़ालिंग इन लव'
गलत प्रमाणों को
किताबों में ही रहने दो
गलत पाठ न सिखाओ -
उठता है आदमी प्रेम में
भगवान होता हुआ
प्रेम को बदनाम
करता है कौन
सिवा इन्सान के-
दीवानी मीरा ,राधा
क्या कृष्ण को
न पा गयी -
जपी, तपी सब
रह गए, देखते
खरीदा, न गया
कभी मजनू
न कभी लैला बिकी
पत्थरों की बारिश
बन गई फूल
मजनू के लिए
प्रेम की गहराई
सागर जान न सका
खारा जल कोई
पी न सका -
बूंद एक ही
सींप की प्यास
तृप्त कर बनी मोती
अमृत की
आकाश तू अब
बड़ा हो जा -
पंख प्रेम के मेरे
फ़ैल गए, आकाश में
हो जायेगा, तू छोटा -
उडान प्रेम की
भर ली है, मैंने
कहता है कौन
'फ़ालिंग इन लव'
गलत प्रमाणों को
किताबों में ही रहने दो
गलत पाठ न सिखाओ -
उठता है आदमी प्रेम में
भगवान होता हुआ
प्रेम को बदनाम
करता है कौन
सिवा इन्सान के-
दीवानी मीरा ,राधा
क्या कृष्ण को
न पा गयी -
जपी, तपी सब
रह गए, देखते
खरीदा, न गया
कभी मजनू
न कभी लैला बिकी
पत्थरों की बारिश
बन गई फूल
मजनू के लिए
प्रेम की गहराई
सागर जान न सका
खारा जल कोई
पी न सका -
बूंद एक ही
सींप की प्यास
तृप्त कर बनी मोती
अमृत की
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