किसी का दर्द देख
तेरे दिल में कुछ होता है
किसी की पीड से
तेरा दिल है रोता
तेरे ह्रदय से गर
निकलती है, कोई आह
इस्मत के लुटने से
कोई बीमार लाचार जब
मुरझाई आँखों से
तुझे देखता है
तेरा मन व्याकुल होता है
ये बात अलग है
तेरी जुबाँ कौन सी है
उसे कैसे तू
पन्नों में उकेरता है
समझ इस बात को
तेरे दीपक से
नया कोई रास्ता
रोशन होता है
अब बता, जो भी
तेरे मन में
आते हैं कोई भाव
उसे क्या कहते है
बस ,,यही कविता हैं
तेरे दिल में कुछ होता है
किसी की पीड से
तेरा दिल है रोता
तेरे ह्रदय से गर
निकलती है, कोई आह
इस्मत के लुटने से
कोई बीमार लाचार जब
मुरझाई आँखों से
तुझे देखता है
तेरा मन व्याकुल होता है
ये बात अलग है
तेरी जुबाँ कौन सी है
उसे कैसे तू
पन्नों में उकेरता है
समझ इस बात को
तेरे दीपक से
नया कोई रास्ता
रोशन होता है
अब बता, जो भी
तेरे मन में
आते हैं कोई भाव
उसे क्या कहते है
बस ,,यही कविता हैं
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