उसे प्यार आता था भरपूर ,वह उसे होठों से लगा लेता
भर लेता था अपने सीने में होठों से, वह भी मिट जाती
दीवानी थी,बेपनाह वह भी ,उसके होठों की दीवानी थी
लोगों ने समझाया इतनी मुहब्बत वाजिब नहीं ,छोड़ दे
हर बार मुस्कुराया और कहा,क्या करूँ जान को छोड़ दूँ
यह भी तो करती है मुहब्बत मुझसे इसे में कैसे छोड़ दूँ
कोई साजिश काम न आई ,कानून भी रह गया देखता
लिखवा दिया माथे पर उसके सावधान यह खतरनाक है
इससे कैंसर का खतरा है जो जान ले लेता है, मगर दोस्त
यहाँ कौन बचा है सभी मरते हैं मिटते हैं मुहब्बत में
अब इन दीवानों को कौन समझा सकता है जो तैयार हैं
मरने को मिटने को, सिगरेट के धुंए में उड़ाते जिन्दगी
भर लेता था अपने सीने में होठों से, वह भी मिट जाती
दीवानी थी,बेपनाह वह भी ,उसके होठों की दीवानी थी
लोगों ने समझाया इतनी मुहब्बत वाजिब नहीं ,छोड़ दे
हर बार मुस्कुराया और कहा,क्या करूँ जान को छोड़ दूँ
यह भी तो करती है मुहब्बत मुझसे इसे में कैसे छोड़ दूँ
कोई साजिश काम न आई ,कानून भी रह गया देखता
लिखवा दिया माथे पर उसके सावधान यह खतरनाक है
इससे कैंसर का खतरा है जो जान ले लेता है, मगर दोस्त
यहाँ कौन बचा है सभी मरते हैं मिटते हैं मुहब्बत में
अब इन दीवानों को कौन समझा सकता है जो तैयार हैं
मरने को मिटने को, सिगरेट के धुंए में उड़ाते जिन्दगी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें