सोमवार, 4 जुलाई 2011

sundarta

***
खूबसूरती किसी की
मुस्कराहट में देखता हूँ
मुस्कुराता सांवला सा
कन्हैय्या ,,,,

नजर जब भी आती, वंशी
मुझे बांस भी सुन्दर
नजारा आता है

गुलाब जब मुस्कुराता है
मुझे चन्दन
दिखती है वो मिटटी
जहाँ वह उग आता है

तेरी पूजा तो न की कभी
लेकिन जो तेरी याद में
बहाए जो आंसू, मुझे वो
सुन्दर नजर आता है

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