हड्डियों की बात करो
कुत्तों की याद आती है
सड़े गले मांस से
ये कैसी बू आती है
खोलो दिमाग की
कुछ खिड़कियाँ
कचरा विचारों को
त्याग दो ,कि
पास खड़े लोगों को
सड़ांध आती है
कोई जानवर नहीं
ऐसा जो हँसता हो
ये सिर्फ आदमी है
जो कर सकता ऐसा
हंसो और हंसाओ
के जीने के लिए
दवा से ज्यादा
आक्सीजन जरुरी है
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